एक ऐसा राक्षस
जो शरीर के बोटी बोटी से
अपना हिस्सा लेता
जो बेटी की छाती पर चढ़ कर
छिन लेता उसके पसीने की कमाई
जो बेटे को बात बेबात लात मारता
उसके जरा से हाथ में पकडाता कुदाल फावड़ा
जो गालियों को ऐसे निकालता
जैसे साँसें हों उसकी
वो जो बंद कमरे में बलात्कार करता
अपने पिलिया से पिडित औरत के साथ
वो जिसके कपड़ो से गंध आती
वहशीपने की
जो रातों की रगें दुखाता
जो नदियों को खारा कर देता
वो अपने आदमी होने पर अकड़ता
इंसानों की बस्ती में कुछ आदम खोर आदमी भी हैं
और सुना तेजी से बढ़ रही है इनकी संख्या .......
जो शरीर के बोटी बोटी से
अपना हिस्सा लेता
जो बेटी की छाती पर चढ़ कर
छिन लेता उसके पसीने की कमाई
जो बेटे को बात बेबात लात मारता
उसके जरा से हाथ में पकडाता कुदाल फावड़ा
जो गालियों को ऐसे निकालता
जैसे साँसें हों उसकी
वो जो बंद कमरे में बलात्कार करता
अपने पिलिया से पिडित औरत के साथ
वो जिसके कपड़ो से गंध आती
वहशीपने की
जो रातों की रगें दुखाता
जो नदियों को खारा कर देता
वो अपने आदमी होने पर अकड़ता
इंसानों की बस्ती में कुछ आदम खोर आदमी भी हैं
और सुना तेजी से बढ़ रही है इनकी संख्या .......
i read ur all posts bt it`s diff. from all n also vry true....such kafi achcha likhte ho di...:-)
ReplyDeletebahut hi shandaar lekh............
ReplyDelete