Friday, May 3, 2013

किताबों की बातें

मामा हमे बड़ी मेहनत से अग्रेजी सिखाते ..ता है ती है से वर्तमान का बोध ..था है थी है से भूत का ..और रहेंगे खायेंगे से भविष्य का बोध कराते..पर हमारे अबोध मन को कुछ समझ नही आता ..तब के पेपर में १० मार्क का ट्रांसलेशन आता ..दस लाइन आती ..हम खूब मेहनत से ३६ नम्बर लाने की कोशिश करते ..

जैसे हम रटते..वन्स ओपोन अ टाइम देयर वास अ किंग ..पुरे छत में घूम घूम कर रटते ..अम्मा बड़ी हसरत से हमे अग्रेजी में महारथ हासिल करते देखती ..तरह तरह की गाइड कुंजी होती हम सब पढ़ते ..पर मुझे एक बात तब से आज तक सता रही है ...रामायण में जितनी बार राम का नाम आया उससे ज्यादा बार ट्रान्सलेसन में आता ..रहीम के दोहों से ज्यादा रहीम भी रहते राम के साथ ..हमेशा राम एक अच्छा लड़का है ..रहीम बाजार गया ..और हाँ रमेश का भी सहयोग पूरा होता ..

ये तीनों नाम ..का हज़ारों उदहारण मिल जाता इतना की ..व्हाट इस योर नेम ?पूछने पर हम अपना नाम राम ही बता देते ...जिसका नाम रहीम हुआ करता वो भी अपना नाम राम बता देता ...अब उतना ही रटा था सबने ...अग्रेजी ने बड़ा परेशान किया...लाल आँखें हो जाती हमारी पर परीक्छा के कॉपी नीले नही होते ..has been..have been का प्रयोग कभी सही तरीके से करना नही आया ..ऐसा होता तो क्या होता से ज्यादा ..अब ऐसी ही हैं तो क्या करें ..पर अड़े रहे ...

नाम में क्या रखा है क्या डाइलोग मारते रहे हम ..मन के अन्दर जो बातें रह गई वो इतनी ..की राम रहीम एक साथ रह सकते है ..अच्छे दोस्त बन सकते हैं ....जार्ज और पुष्पा की खूब बन सकती है ..रामू हमेशा चाय नही बनाएगा ..सिर्फ पिताजी ऑफिस नही जायेंगे मम्मी भी जायेंगी ..सिर्फ भाई अपने बहन की रक्षा नही करेगा ..बहन भी करेगी ..गीता हमेशा नही रोती रहेगी ...अम्मा हमेशा खाना नही बनाएगी ..अपनी भाषा में हम सपने देख सकते हैं ..प्यार कर सकते हैं ..हमे तो यही पसंद है ..आप इसपर भी गर्व कर सकते हैं ..की हाँ हिंदी हैं हम ..

.उदाहरणों को बदलना पड़ेगा ...समय बदल गया ना ..मुझे जब भी जो सिखाया जाता मैंने हमेशा उससे परे ही बातें सिखी ...फडफड अग्रेजी बोलते हमारे ही बच्चे हमसे आगे चलते है ..जरुर सीखो ..खूब सीखो ..पर अपनी जमीं पर रहो ...मामा !कभी नही आया हमारा अच्छा नम्बर ..पर कोई बात नही ... मिल जुल कर रहना आया ..सभी धर्म और जाति से अपना पन सिखा ..आखिर ये हमारी एक ही किताब में ही तो थे .....

होली हमारे देश का एक रंगबिरंगा त्यौहार है ..हम एक रंग में रंगें हैं ..ओह किताबों में बातें नही होती थी लिखी ..उनके मर्म हुआ करते ..सिर्फ ३६ नम्बर लाने के लिए मत पढना .......thank यू मामा...:)

2 comments:

  1. सार्थक प्रस्तुति... बधाई !

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